तलाश

तलाश है हमें खुद की,
ढूंढ रहे हैं कौन हैं हम,
खुदा ने गर भेजा है धरती पर,
अपना नूर अता फ़रमाया है,
कुछ तो मकसद होगा उसका,
जो अपना तिफ़्ल बनाया है,

क्या किसी खास लक्ष्य को पाने को,
उसने उम्मीदवार हमें बनाया है,
या बस छोड़ दिया खुले आसमां के तले,
अपना रास्ता खुद ढूंढ़ने,
तलाश है हमें खुद की,
ढूंढ रहे हैं कौन हैं हम,

तकलीफों के समंदर में गोते लगाते सोचते हैं,
वजह क्या होगी तेज़ वेग में हमें उलझाने की,
क्या ईश्वर को हमें परखना है,
या पार करने की हिम्मत देखी है उसने हम में ?
तलाश है हमें खुद की,
ढूंढ रहे हैं कौन हैं हम,

आसां नहीं अस्तित्व की तलाश,
खोज बदस्तूर ज़ारी है,
अपने अंतर्मन में झाँका फिर से,
उत्तर पाने की तैयारी है,
तलाश है हमें खुद की,
ढूंढ रहे हैं कौन हैं हम।

– Alice Jain (PGDM 2020-22)

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